अंतोनियो ग्राम्शी
अंतोनियो ग्राम्शी इटली की कम्युनिस्ट पार्टी के संस्थापक, मार्क्सवाद के सिद्धांतकार तथा प्रचारक थे। बीसवीं सदी के आरंभिक चार दशकों के दौरान दक्षिणपंथी फ़ासीवादी विचारधारा से जूझने और साम्यवाद की पक्षधरता के लिए विख्यात हैं।
अक्रियावाद
अक्रियावाद बुद्ध के समय का एक प्रख्यात दार्शनिक मतवाद। महावीर तथा बुद्ध से पूर्व के युग में भी इस मत का बड़ा बोलबाला था। इसके अनुसार न तो कोई कर्म है, न कोई क्रिया और न कोई प्रयत्न। इसका खंडन जैन तथा बौद्ध धर्म ने किया, क्योंकि ये दोनों प्रयत्न, कार्य, बल तथा वीर्य की सत्ता में विश्वास रखते हैं। इसी कारण इन्हें कर्मवाद या क्रियावाद कहते हैं। बुद्ध के समय पूर्णकश्यप नामक आचार्य इस मत के प्रख्यात अनुयायी बतलागए हैं।
अक्षि उपनिषद
अक्षि उपनिषद कृष्ण यजुर्वेदीय शाखा के अन्तर्गत एक उपनिषद है। यह उपनिषद संस्कृत भाषा में लिखित है। इसके रचियता वैदिक काल के ऋषियों को माना जाता है परन्तु मुख्यत वेदव्यास जी को कई उपनिषदों का लेखक माना जाता है।
अजातिवाद
गौडपादाचार्य ने मांडूक्यकारिका में सिद्ध किया है कि कोई भी वस्तु कथमपि उत्पन्न नहीं हो सकती। अनुत्पत्ति के इसी सिद्धांत को अजातिवाद कहते हैं। गौडपादाचार्य के पहले उपनिषदों में भी इस सिद्धांत की ध्वनि मिलती है। माध्यमिक दर्शन में तो इस सिद्धांत का विस्तार से प्रतिपादन हुआ है। उत्पन्न वस्तु उत्पत्ति के पूर्व यदि नहीं है तो उस अभावात्मक वस्तु की सत्ता किसी प्रकार संभव नहीं है क्योंकि अभाव से किसी की उत्पत्ति नहीं होती। यदि उत्पत्ति के पहले वस्तु विद्यमान है तो उत्पत्ति का कोई प्रयोजन नहीं। जो वस्तु अजात है वह अनंत काल से अजात रही है अत उसका स्वभाव कभी परिवर्तित नहीं हो सकता। अजात वस्तु अमृत ह ...
अज्ञेयवाद
अज्ञेयवाद ज्ञान मीमांसा का विषय है, यद्यपि उसका कई पद्धतियों में तत्व दर्शन से भी संबंध जोड़ दिया गया है। इस सिद्धांत की मान्यता है कि जहाँ विश्व की कुछ वस्तुओं का निश्चयात्मक ज्ञान संभव है, वहाँ कुछ ऐसे तत्व या पदार्थ भी हैं जो अज्ञेय हैं, अर्थात् जिनका निश्चयात्मक ज्ञान संभव नहीं है। अज्ञेयवाद, संदेहवाद से भिन्न है; संदेहवाद या संशयवाद के अनुसार विश्व के किसी भी पदार्थ का निश्चयात्मक ज्ञान संभव नहीं है। भारतीय दर्शन के संभवतः किसी भी संप्रदाय को अज्ञेयवादी नहीं कहा जा सकता। वस्तुतः भारत में कभी भी संदेहवाद एवं अज्ञेयवाद का व्यवस्थित प्रतिपादन नहीं हुआ। नैयायिक सर्वज्ञेयवादी हैं और नागार् ...
अणुवाद
अणुवाद दर्शन में प्रकृति के अल्पतम अंश को अणु या परमाणु कहते हैं। अणुवाद का दावा है कि प्रत्येक प्राकृत पदार्थ अणुओं से बना है और पदार्थों का बनना तथा टूटना अणुओं के संयोग वियोग का ही दूसरा नाम है। प्राचीन काल में अणुवाद दार्शनिक विवेचन का एक प्रमुख विषय था, परंतु वैज्ञानिकों ने इसे स्वीकार नहीं किया। इसके विपरीत, आधुनिक काल में दार्शनिक इसकी ओर से उदासीन रहे हैं, परंतु भौतिकी के लिए अणु की बनावट और प्रक्रिया अध्ययन का प्रमुख विषय बन गई है। भारत में वैशेषिक दर्शन ने अणु पर विशेष विचार किया है।
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अंतोनियो ग्राम्शी |
अक्रियावाद |
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अक्षि उपनिषद |
अजातिवाद |
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अज्ञेयवाद |
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अणुवाद |
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अतियथार्थवाद |
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अथर्वशिखा उपनिषद |
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अथर्वशिर उपनिषद |
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अद्वयतारकोपनिषद |
अधिकार (तंत्रशास्त्र) |
अधिरचना |
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अध्यात्मवाद |
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अध्यात्मोपनिषद |
अध्यास |
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अनंत |
अनलहक |
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अनिर्वचनीय ख्यातिवाद |
अनीश्वरवादी अस्तित्ववाद |
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अनुभव |
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अनुभववाद |
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अन्नपूर्णा उपनिषद |
अन्वयव्यतिरेक |
अन्विताभिधानवाद |
अपोनिया |
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अमृतनादोपनिषद |
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अरब का दर्शन |
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अराजकता |
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अराजकतावाद |
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अवधारणा |
अवधिज्ञान |
असंशयवाद |
असद्ख्यातिवाद |
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अस्तित्ववाद |
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अहंवाद |
आंबेडकरवाद |
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आकस्मिकवाद |
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आजीविक |
आत्म ख्यातिवाद |
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आत्मबोधोपनिषद |
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आत्मा |
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आत्मोपनिरूषद |
आद्य बिंब |
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आधार (तर्क) |
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आरूणकोपनिषद |
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आर्यसत्य |
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आशावाद |
आस्तिक दर्शन |
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अनटाइटल्ड.5 अजातवाद, अजातिवाद अथवा जगद्रहित शुद्ध ब्रह्मवाद अकास्मिज्म इस मत के अनुसर ईश्वर के अतिरिक्त और कोई सत्ता ही नहीं है। सर्वत्र ब्रहा ही ब्रह्म है। जगत् नाम की वस्तु न कभी उत्पन्न हुई, न है और न होगी। जिसको हम जगत् के रूप में देखते हैं वह. Blogs 491186 Lookchup. गौडपाद के अजातिवाद का विवेचन कीजिए। Discuss Ajativada according to Gaudapada. 5. अथातोब्रह्म जिज्ञासा सूत्र में अथ शब्द की व्याख्या कीजिए। Explain the word Atha in Athatobrahmajigyaysa Sutra. 6. जगत् मिथ्या है। विवेचन कीजिए। The World is Mithya. Discuss. 7. परमेश्वर ने इंतज़ार किया हमारी प्रतिदिन की रोटी.उनका मानना है की जो वैज्ञानिक दूरदर्शी धार्मिक नहीं हैं, तो क्या इसका मतलब है कि वे नास्तिक हैंI बहुत से वैज्ञानिक अज्ञेयवाद को मानते हैंI सामान्य तौर पर, अज्ञेयवाद का अर्थ हैI एक व्यक्ति जो भगवान की मौजूदगी से इनकार करते. One Word Substitution for Bank exams 2 06 2016. Meaning of अज्ञेयवाद in English अज्ञेयवाद का अर्थ अज्ञेयवाद ka Angrezi Matlab हिंदी मे अर्थ अंग्रेजी मे अर्थ. Pronunciation of अज्ञेयवाद अज्ञेयवाद play. Meaning of अज्ञेयवाद in English. Noun. Agnosticism Agyeyavad, agyeyavaad, agyeyawad Agnosticism Agyeyavaad . अज्ञेयवाद नैतिकता और व्यापार बिल गेट्स. अज्ञेयवाद और आत्मा अज्ञेय मत की परिभाषा. अज्ञेयवाद HinKhoj Dictionary. ईश्वर, अमरत्व या गोष्टी इंद्रियांच्या म्हणजे प्रत्यक्षाच्या कक्षेपलीकडील असल्यानें त्यांसंबंधीं निश्चित असें कांहीं मत स्थापणें अशक्य आहे असा वाद मत. ज्ञाको अ ६९४. अज्ञेयवादी वि. अज्ञेय वाद मतानुयायी. ती नास्तिक नाहीं. अज्ञेयवाद, अनीश्वरवाद, ना Quotes YourQuote. अज्ञेयवाद एग्नॉस्टिसिज्म English: Agnosticism ज्ञान मीमांसा का विषय है, यद्यपि उसका कई पद्धतियों में तत्व दर्शन से भी. जैन धर्म की प्राचीनता – Vidyasagar.2 Pragmatism. 4 Logical Positivism. Meliorism is the theory of 1 Marxism. 3 Logical Atomism. उन्नयनवाद सुधारवाद सिद्धान्त है 1 मार्क्सवाद का. 3 तार्किक अणुवाद का. 2 अर्थ क्रियावाद का. 4 तार्किक भाववाद का. 39. Who propounded Radical empiricism? 1 William James. अणुवादी दिन् Anuvadi din meaning in English. 3.7.8 सं कृत एवं भौ तक व ान Sanskrit & Physics. इस े म भी सं कृत सा ह य म पया त साम ी मलती है । सं कृत वा मय के. अनुसार भौ तक व ान के व तक कणाद मु न ह । उनका मत था क येक व तु परमाणुओं. से बनी है। कणा का अणुवाद भौ तक क आधार शला रहा है । भौ तक व ानी उदयनाचाय. |
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अंतोनियो ग्राम्शी पुस्तकें.
Arunachal University of Studies. तुलसीराम: फुले और ग्राम्शी की परंपरा का बुद्धिजीवी इस मायने में वे भारत के जड़बुद्धि वामपंथियों से अलग लकीर खींचते हैं और इटली के वामपंथी कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी अंतोनियो ग्राम्शी से खुद को ज़्यादा क़रीब पाते हैं. Hegemony पर ग्राम्शी के विचार. सांस्कृतिक और राजनीतिक चिंतन के बुनियादी. भूमंडलीकरण. ऊपर से थोपी जाने वाली सत्ता का एकालाप है। यह आदेशों और धमकियों के रूप में सामने. आता है। इनका प्रयोग शासित राष्ट्रों के मध्य बनायी जाने वाली कृत्रिम सहमति अंतोनियो. ग्राम्शी द्वारा प्रयुक्त किगए भाव के संदर्भ में को. अंतोनियो ग्राम्शी Owl. इटली के माक्र्सवादी विचारक अंतोनियो ग्राम्शी 1891 1937 की जेल डायरी को आज श्रेष्ठ वैचारिक लेखन का उदाहरण माना जाता है। फासिस्टों के कारागार में रहते हुए उन्होंने अपने देश के इतिहास, संस्कृति, मॉर्क्सवाद, कम्युनिस्ट.
अल्फावेट अ ब्लॉगसेतु.
अक्रियावाद. ENCYCLOPEDIA से. यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज. अक्रियावाद. Non activism. एक मत,जो जीवादि पदार्थों में क्रिया का एकान्तरूप से आभार मानता है । ?title अक्रियावाद&oldid 106420 से लिया गया. कहानी पढ़ें हिंदी कहानियाँ, कवितायें और. पूरण कश्यप के सिद्धांत को अक्रियावाद कहा जाता है। इसके मत के अनुसार मनुष्य जो कुछ अच्छा बुरा करता है वह उसके द्वारा किया हुआ नहीं होता, इसीलिए उसे पुण्य एवं पाप की प्राप्ति नहीं होती। प्रकुध कात्यायन के अनुसार पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु,. Page 1 भवतु सब्ब मंगलं राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली. दूसरा दृष्टिकोण अक्रियावाद का था। अक्रियावाद. के तात्त्विक आधार या तो विभिन्न नियतिवादी दृष्टिकोण के थे या आत्मा को कूटस्थ एवं. अकर्ता मानने की तात्त्विक धारणा थी। नैतिक दर्शन की दृष्टि से ये परंपराएँ ज्ञानमार्ग की. प्रतिपादक थी. अक्रियावाद बुद्ध के समय का एक प्रख्यात दार्शनिक. उसे अक्रियावादी कहा जाता है। संभवत: पुरण कश्यप ने ही सांख्य दर्शन की नींव डाली। इसके अनुसार आत्मा शरीर से पृथक है। आगे चलकर पुरण कश्यप के संप्रदाय का मक्खलि गोशाल के संप्रदाय में विलय हो गया। मक्खलि गोशाल वह छः वर्षों तक महावीर के साथ.
पाखण्ड खंडिनी Archives Aryamantavya.
किसी किसी का विचार है कि कबीर साहब अपठित थे, उन्होंने वेद शास्त्रा उपनिषदों को पढ़ा नहीं, कुरान के विषय में भी वे ऐसे हाथ पाँव, इत्यादि घिसे हुए शब्द ही हैं,जो काल प्रवाह में पड़कर इस दशा को प्राप्त हुए हैं, उनके स्थान पर मुख, अक्षि, कर्ण,. सिलेबस RCCM Indore. कृष्ण यजुर्वेदीय. अक्षि उपनिषद अमृतबिन्दु उपनिषद अमृतनादोपनिषद अवधूत उपनिषद ब्रह्म उपनिषद ब्रह्मविद्या उपनिषद दक्षिणामूर्ति उपनिषद ध्यानबिन्दु उपनिषद एकाक्षर उपनिषद गर्भ उपनिषद कैवल्योपनिषद कालाग्निरुद्रोपनिषद कर उपनिषद. पुरातन भारतीय साहित्य में नाग अर्थात सर्प Ugta. मनमाफिक लगे, तो अपने कमेंट्स अवश्य लिखे। शेयर लाइक करेशांडिल्य उपनिषद में शरीर के 18 मर्मस्थान बताये गये हैं तन में इन 18 जगह प्राण वि. 14अक्षि यानि दो की संख्या या दोनो आंखों को कहते हैं। सम्मोहन सिद्धि में अक्षि का बहुत महत्व है. SSC ONLINE TEST: SSC CGL GK TEST 6 – GOVT JOBS TAIYARI. अक्षि उपनिषद् कृष्ण यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद् ७३.अध्यात्मा उपनिषद् शुक्ल यजुर्वेद, सामान्य उपनिषद् ७४.कुण्डिक उपनिषद् साम वेद, संन्यास उपनिषद् ७५.सावित्रि उपनिषद् साम वेद, सामान्य उपनिषद् ७६.आत्मा उपनिषद् अथर्व वेद,.